किताबो के कुछ पन्नो सी बिखरी है जिंदगी
दर्द को छुपाके मुस्कुराती है जिंदगी
चाहत को दिल में दबाती है जिंदगी
मोड़ जिंदगी के कैसे हैं अजनबी
हर मोड़ कीअब एक मंजिल है नई
उठ्ती हैं पलके आसमान को देखने के लिए
पर धुल से इन पलकों को जुकiती है जिंदगी
छोटे से दिल में कई अरमान जग जाते हैं
उन अरमानो को कभी सहलाती है जिंदगी
उस छोटे दिल में ख्वाइशो के समुन्दर बस जाते है
उस समुन्दर में सह्लiब लाती है जिंदगी
आँखों में आंसूं हों या होठों पे हसी
छोटे से दिल में कई अरमान जग जाते हैं
उन अरमानो को कभी सहलाती है जिंदगी
उस छोटे दिल में ख्वाइशो के समुन्दर बस जाते है
उस समुन्दर में सह्लiब लाती है जिंदगी
आँखों में आंसूं हों या होठों पे हसी
हर मोड़ पर चलना सिखाती है जिंदगी
रिश्तों को तोडती है जिंदगी
फिर उन्ही रिश्तों को जोडती है जिंदगी
अप्नो से कभी रूठतीहै जिंदगी
उन्ही अपनों को कभी मनाती है जिंदगी
कई बार हमको गिरiती है जिंदगी
फिर अपने ही हाथों से उठाती है जिंदगी
कभी तो रात भर सिसक सिसक के रुलाती है जिंदगी
फिर दूसरी सुबह खुद ही गले लगाती है जिंदगी
जिंदगी की भी क्या अजीब दास्ताँ हैं मरते हुए को जीना सिखाती है जिंदगी !
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